pujya krishnapriya ji | Dofollow Social Bookmarking Sites 2016
Facing issue in account approval? email us at info@ipt.pw

Click to Ckeck Our - FREE SEO TOOLS

1
लोग समझते है कि राधा और कृष्ण अलग-अलग है किंतु वैद पुराणों के अनुसार इन्हें प्रेमी भक्त ही समझ सकते है। वास्तव में व्यक्ति के हृदय में जैसे-जैसे प्रेम बढ़ता है
राधा का भाव जागृत होने लगता है और जैसे-जैसे व्यक्ति भावों में डूबता है तब उसका कृष्ण तत्व जागृत होने लगता है। इस गुत्थी को सिर्फ अनुभव करने वाला ही जान सकता है
पर वह भी उसे शब्दों में व्यक्त नहीं कर पाता लोग कहते है कि कृष्ण तो रसिक थे किन्तु यह उपरी स्तर की बात है उसे सिर्फ प्रेम और भावो में डूब कर ही पाया जा सकता है।
उक्त उदगार खालवा के ग्राम गुलाईमाल में चल रही भागवत कथा के तृतीय दिवस श्री कृष्णप्रियाजी महाराज ने व्यक्त किए। कथा प्रवक्ता सुनील जैन ने बताया कि गुलाईमाल में
आयोजित भागवत कथा को सुनने प्रतिदिन हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं।

Comments

Who Upvoted this Story